मैं पिछले दस सालो से दिल्ली में नौकरी कर रहा हूँ और महीने में एक बार मैं अपने घर हिसार, हरियाणा जा कर आता हूँ। पिछली बार घर से वापिस आते समय जब मैं बहादूरगढ़ शहर से अपने निवास स्थान द्वारका मोड़, दिल्ली के लिए मेट्रो ले रहा था। वहाँ मैंने देखा मेट्रो के पिल्लर कुछ ठेलेवालों और दुकानदारों के इश्तहार लगे हुए थे। उन इश्तहारो में दुकान वालों ने अपने नाम लिखे हुए थे। आप ये फोटो नीचे देख सकते है।

उन्हें देख कर साफ नजर आ रहा था कि ये मेट्रो ने नहीं लगाए होंगे। दिल्ली मेट्रो सरकारी सम्पत्ति है। मैंने उन पिल्लर कि कुछ फोटो खिंच कर अपने फोन में रख ली और अगले दिन सुबह मैंने दिल्ली मेट्रो को ट्विटर पर टैग करते हुए उसके बारे में शिकायत की। कुछ ही देर में दिल्ली मेट्रो के ट्विटर अकाउंट से जवाब आया कि हम इस पर उचित कदम उठाएँगे। 2-3 दिन के बाद मुझे उसी ट्वीट पर मेट्रो की तरफ से जवाब आया कि हम आपकी शिकायत पर कार्यवाही कर चुके है। लेकिन मुझे यह जान ना था उस पर क्या कार्यवाही की गई। कुछ दिनो बाद जब मैं फिर से घर से वापिस आ रहा था तो मैंने देखा उन पिल्लरो पर जो इश्तेहार लगे हुए थे उन पर पुताई कर दी गई है। फोटो नीचे देखे।

मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई कि मेरी शिकायत पर उचित कदम उठाए गए। इस ब्लॉग के जरिए मैं बस आप सबको एक ही संदेश देना चाहता हूँ। आप भी सोशल मीडिया के जरिए समाज में ऐसे छोटे छोटे बदलाव ला सकते है। सोशल मीडिया का भरपूर उपयोग तो जरुर करे लेकिन उस से भी ज्यादा जरुरी है कि हम उसका सही तरीके से उपयोग करे।